अल्मोड़ा: उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि 4 दिसम्बर को उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल पूरा हो रहा हैं। जिसके बाद यहां पर प्रशासकों की नियुक्ति हो जाएगी। निकाय चुनाव में लेटलतीफी से स्पष्ट होता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार की मंशा निकाय चुनावों को टालने की है।
गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कर्नाटक ने कहा कि भाजपा समझ चुकी है कि महंगाई, बेरोजगारी और अवरूद्ध विकास से जनता का भाजपा से मोहभंग हो चुका है और यदि निकाय चुनाव होते हैं, तो जनता भाजपा का सूपड़ा साफ कर देगी। इसी डर के कारण भाजपा उत्तराखंड में निकाय चुनाव करने से कतरा रही है। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन भाजपा सरकार लगातार जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करने में लगी है।
कर्नाटक ने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने विकास किया होता तो आज विकास संकल्प यात्रा के माध्यम से भाजपा को गली गली अपना रथ ले जाकर ढिंढोरा पीटने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इन विकास संकल्प यात्राओं के माध्यम से भाजपा अपनी करनी पर पर्दा डालने का काम कर रही है। यदि भाजपा सरकार जनता की हितैषी होती तो नगरपालिकाओं का कार्यकाल समाप्त होते ही तुरंत निकाय चुनाव कराती।
कर्नाटक ने कहा कि यदि नगरपालिकाओं में प्रशासक बैठते हैं तो जनता को उनसे सीधा संवाद करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव टालकर सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
कर्नाटक ने कहा कि भाजपा सरकार में आज युवा भर्ती घोटालों से त्रस्त हैं। सरकार की नाकामी के कारण लगातार भर्ती घोटाले हो रहे हैं, जिससे उत्तराखंड का युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में विकास का पहिया वर्तमान में पूरी तरह जाम है। उत्तराखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क बेहद खराब स्थिति में है। केवल विज्ञापनों के माध्यम से भाजपा सरकार स्वयं की पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है और जनता को भ्रमित कर रही है।
कर्नाटक ने कहा कि मध्यप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम तीन दिसम्बर को आ रहे हैं, जिसमें बहुमत से कांग्रेस पार्टी उबर कर सामने आयेगी। उन्होंने कहा कि जनता अब भाजपा की नीतियों को पूरी तरह समझ चुकी है तथा भविष्य में जो भी चुनाव आयेंगे जनता अपने मत के माध्यम से भाजपा सरकार को सबक सिखाने का काम करेगी।