अल्मोड़ा: निकाय चुनाव में देरी को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है। विधायक मनोज तिवारी ने प्रदेश की धामी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नगर निकायों का कार्यकाल 2 दिसंबर 2023 को खत्म हो चुका है। आठ माह का समय बीतने के बाद भी भाजपा सरकार निकाय चुनाव नहीं करा पाई है। अलग-अलग हवाले देकर सरकार लगातार निकाय चुनाव को टालने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि, ‘क्या बीजेपी सरकार को लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है?’
विधायक मनोज तिवारी मंगलवार को नगर के एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब हुए। विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार निकाय चुनाव कराने से बच रही है। चुनाव टालने के प्रयास के लिए कभी लोकसभा चुनाव तो कभी मानसून सीजन को लेकर लगातार नए-नए रास्ते खोजे जा रहे हैं। 8 माह बीत जाने के बाद भी निकायों में अभी तक पर्यवेक्षक तैनात है, विपक्षी पार्टियां लगातार निकाय चुनाव के लिए राज्य सरकार से मांग कर रही हैं। ऐसे में चुनाव अपने समय से करीब 8 माह लेट हो चुके हैं, जबकि इस बीच प्रदेश की खाली हुई दो विधानसभाओं में उपचुनाव भी समाप्त हो चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब भी निकाय चुनाव कराने को लेकर कोई संभावना नहीं दिख रही है।
इसके अलावा मनोज तिवारी ने नगरपालिका क्षेत्र का विस्तारीकरण कर नगर निगम बनाए जाने की कवायद का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की भावनाओं से अवगत हुए बिना आनन-फानन में यह फैसला लिया है। उन्होंने इसे बीजेपी सरकार का राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया।
निवर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 2018 में भी नगरपालिका क्षेत्र का विस्तारीकरण किया गया। जिन गांवों को पालिका में शामिल किया गया। उनके समुचित विकास के लिए अलग से धनराशि नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वोट की राजनीति को देखते हुए तब यह विस्तारीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से निर्णय लेना चाहिए। गांवों को पालिका में शामिल करने से पहले ग्रामीणों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय लेनी चाहिए।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष कांग्रेस भूपेंद्र सिंह भोज, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, जिलाध्यक्ष यूथ कांग्रेस दीपक कुमार आदि मौजूद रहे।