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Nanda Devi Mela 2024:: ऐतिहासिक नंदादेवी मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में की गई कटौती, मंदिर समिति ने बताई वजह, पढ़ें पूरी खबर

अल्मोड़ा। ऐतिहासिक व पौराणिक मां नंदादेवी मेला (Nanda Devi Mela 2024) की तैयारियां जोरों पर है। 6 से 13 सितंबर तक आयोजित होने वाले मां नंदादेवी मेला 2024 के पोस्टर का विमोचन गुरुवार को गीता भवन में मां नंदादेवी मंदिर एवं नंदा गीता भवन कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने किया। इस बार मंदिर समिति ने मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कटौती करने के साथ ही कुछ गतिविधियां बंद कराने का निर्णय लिया है।

यहां प्रेस वार्ता में मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि आठ दिवसीय मेला (Nanda Devi Mela 2024) 6 सितंबर से शुरू होगा। मेले का विधिवत उद्धाटन 8 सितंबर को पंचमी के दिन गणेश पूजन के साथ होगा। केंद्रीय राज्य मंत्री व क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा मेले का उद्धाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार समिति द्वारा मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम में कम किए जाने व खेलकूद आदि प्रतियोगिता नहीं कराने का फैसला किया गया है। बीते कई सालों से एडम्स खेल मैदान में भी मेले का आयोजन किया जा रहा था। लेकिन इस बार इसकी अनुमति नहीं मिली। सभी कार्यक्रम नंदा देवी मंदिर परिसर में ही आयोजित कराए जाएंगे।

पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि नंदा देवी मेला (Nanda Devi Mela) उत्तराखंड का सबसे पुराना मेला है। सरकार द्वारा आज इस मेले की उपेक्षा की जा रही है। सरकार को चाहिए कि वह नंदादेवी मेले को राजकीय मेले का दर्जा दें और मेले के लिए सभी सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मेले के आयोजन को लेकर जिस तरह का विवाद सामने आया, वह काफी चिंताजनक है।

प्रेस वार्ता में मनोज सनवाल, तारा चंद्र जोशी, परितोष जोशी, निर्मल जोशी, अमित साह मोनू, अर्जुन बिष्ट, दिनेश गोयल, आनंद बगडवाल, गोपाल सिंह जीना, कैलाश गुरुरानी, गीता मेहरा, राजेंद्र बिष्ट, जगत तिवारी, सलमान अंसारी, नीरज पवार, मीना भैसोड़ा, रीता दुर्गापाल, अनुप साह, जीवन नाथ वर्मा, शोभा जोशी लोग आदि मौजूद रहे।

बे​बुनियाद आरोप लगाने वालों को लीगल नोटिस भेजेगी मंदिर समिति

मां नंदादेवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा मेला समिति पर आय-व्यय का ब्यौरा नहीं दिए जाने एवं अन्य कई आरोप लगाए गए है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति मेले के आय-व्यय की जानकारी लेना चाहता है वह किसी भी रविवार को मंदिर में आकर समिति के कोषाध्यक्ष से जानकारी ले सकते हैं। वर्मा ने कहा कि कतिपय लोगों द्वारा लगाए गए बेबुनियाद आरोपों से मंदिर समिति की छवि धूमिल हुई है। ऐसे लोगों को मंदिर समिति ने लीगन नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति भविष्य में ऐसे लोगों को बेनकाब करने का काम करेगी।

 

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