अल्मोड़ा। उत्तराखंड में लगातार बढ़ते सड़क हादसे चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। पिछले 20 सालों में प्रदेश में 28 हजार से अधिक सड़क हादस हुए हैं। जिसमें 17 हजार से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
राज्य में अब सड़क दुर्घटनाएं एक बड़ा नासूर बनती जा रही है। प्रदेश में सड़क हादसों के इतिहास पर नजर डाले तो हजारों लोग अभी तक दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके है। उत्तराखंड परिवहन विभाग की आधिकारिक साइट व कार्यालय परिवहन आयुक्त, देहरादून से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2005 से 2024 सितंबर माह तक राज्य में 28,250 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें 17,765 लोगों की मौत हुई। जबकि 30,857 लोग घायल हुए। सरकारी आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे है। पिछले दो साल की बात करे तो जनवरी 2023 से सितंबर 2024 तक प्रदेश में 2273 सड़क हादसे हुए हैं। जिमसें 1382 लोगों की मौत हुई। और 1990 लोग घायल हुए। पिछले वर्ष के मुकाबले 2024 में सड़क हादसों में 6.45 फीसदी की वृद्धि हुई है।
अभी हाल ही में हुए सड़क हादसों की बात करें तो 15 जून 2024 को रुद्रप्रयाग जिले में टैंपो ट्रैवलर नदी में गिर गया था, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी। आठ अक्टूबर 2023 को नैनीताल जिले के कालाढूंगी इलाके में बस खाई में गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी। 22 फरवरी 2022 को चंपावत जिले में सुखीढांग रीठासाहिब रोड के पास वाहन खाई में गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा चार अक्टूबर 2022 को पौड़ी गढ़वाल में बारात की बस दुर्घटनाग्रस्त होने में 33 बारातियों की मौत हो गई थी।
चिंता की बात यह है कि पुलिस और परिवहन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद साल दर साल सड़क हादसों की संख्या कम नहीं हो पा रही है। हालांकि समय-समय पर तमाम जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इतना ही नहीं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समय-समय पर सड़क सुरक्षा की बैठकें भी की जाती हैं, लेकिन नतीजा शून्य ही नजर आता है।
उत्तराखंड में कब-कब हुए बड़े सड़क हादसे
4 नवंबर 2024 सल्ट, अल्मोड़ा 36 लोगों की मौत
1 जुलाई 2018 धूमाकोट, पौड़ी गढ़वाल 48 लोगों की मौत
23 मई 2017 नालूपानी, उत्तरकाशी 27 लोगों की मौत
4 जुलाई 2009 भटवाड़ी गंगनानी, उत्तरकाशी 40 लोगों की मौत
9 जुलाई 2006 नालूपानी, उत्तरकाशी 22 लोगों की मौत
20 सितंबर 1995 भागीरथी नदी में बस गिरी, 70 लोगों की मौत