अल्मोड़ा: आगामी 9 नंवबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand State Establishment) पर होने वाले सरकारी कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी शिरकत नहीं करेंगे। मंगलवार को बैठक के बाद राज्य आंदोलनकारियों ने यह निर्णय लिया है।
जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर गिरचोला गांव में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि क्षेत्र के राज्य आंदोलनकारी इस बार राज्य स्थापना दिवस पर सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने के बजाय मनिआगर में स्वयं के स्तर से कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के मामले में शासन-प्रशासन गंभीर नहीं है। शासन स्तर से जहां चिन्हीकरण, सम्मान पेंशन में बढ़ोतरी दी गयी सुविधाओं को व्यवहारिक बनाए जाने, क्षैतिज आरक्षण की मांग पर कार्यवाही नहीं हो रही है। वही, जिला स्तर से एक वर्ष बाद भी आश्रितों को पेंशन स्वीकृत नहीं की गयी है। पेंशन का भुगतान विलंब से किया जा रहा है और पेंशन का भुगतान खातों से नहीं हो रहा है।
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बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उन्हें जिला, तहसील स्तर पर कभी-कभी स्थापना दिवस कार्यक्रम में बुलाया जाता है, वो भी केवल भीड़ बढ़ाने के लिए। राज्य आंदोनकारियों को उचित सम्मान नहीं दिया जाता। जिसके चलते आगामी 9 नवंबर को क्षेत्र के राज्य आंदोलनकारी मनिआगर में राज्य स्थापना दिवस मनायेंगे।
बैठक में ब्रह्मानंद डालाकोटी, दौलत सिंह बगडवाल, गोपाल सिंह बनौला, शिवराज बनौला, पूरन सिंह, शंकर दत्त डालाकोटी, तारा राम, कैलाश राम, नंदन सिंह, सुंदर सिंह, गोविन्द राम, कृष्ण चंद्र आदि मौजूद रहे।
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