अल्मोड़ा: अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान सबको स्थाई व सुरक्षित रोजगार देने, ठेका प्रथा खत्म करने, सरकारी संस्थानों का निजीकरण बंद करने, सबको सम्मानजनक जीवन के लिए न्यूनतम 21 हजार वेतन देने की मांग की गई।
संगोष्ठी में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी, असमानता चरम पर है और सरकार श्रमिकों द्वारा लंबे संघर्षों से प्राप्त अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है, जिसे बचाने के लिए समाज को आगे आना पड़ेगा।
एडवोकेट जीवन चंद्र ने कहा कि सरकार की श्रमिक विरोधी, जन विरोधी, पूंजीपतियों की लूट को बर्दाश्त करने वाली नीतियों से गंभीर सामाजिक संकट पैदा हो गया है। इसके खिलाफ़ जनता को एकजुट होने की जरूरत है।
इस मौके पर एडवोकेट पान सिंह ने मई दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा मई दिवस से प्राप्त 8 घंटे काम, आठ घंटे आराम और आठ घंटे मनोरंजन के अधिकार को चार लेबर कोर्ट कानून लाकर छीना जा रहा है।
इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं कवि नीरज पंत ने कहा कि सरकारें सुनियोजित रूप से सरकारी नौकरियां व सुविधाएं समाप्त कर रही हैं। जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है और नौजवान अवसाद के शिकार हो रहे हैं।
संगोष्ठी में पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी किरन आर्या, मोहम्मद साकिब, एडवोकेट भारती, एडवोकेट गोपाल राम, पार्टी के वरिष्ठ नेता वसीम अहमद, रेनू जोशी एवं उछास की भावना पांडे ने भी अपने विचार व्यक्त किए।