अल्मोड़ा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आला अफसरों के साथ बैठक कर क्वारब डेंजर जोन, अल्मोड़ा-घाट बाईपास सहित एनएच 109 पर प्रस्तावित बाईपास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा-घाट बाईपास नगर की बढ़ती यातायात समस्या के स्थायी समाधान के रूप में देखा जा रहा है, जिसे लेकर सरकार पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है।
बैठक में मंत्री टम्टा ने कहा कि क्वारब का मुद्दा केवल एक निर्माण कार्य नहीं बल्कि जनसुरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क का प्रश्न है, जिसे लेकर सरकार और वें स्वयं गंभीर, संकल्पबद्ध और प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में एनएच 109 के तहत भवाली, अल्मोड़ा, पाण्डुवाखाल, गैरसैण एवं आदि बद्री में कुल पांच बाईपास प्रस्तावित किए गए हैं। इन सभी प्रस्तावों के तकनीकी, भौगोलिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर विचार कर सर्वश्रेष्ठ और व्यवहारिक विकल्पों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अल्मोड़ा-घाट मार्ग पर बाईपास की आवश्यकता को लेकर मंत्री टम्टा ने कहा कि यह मार्ग अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिलों को जोड़ता है। वर्तमान में नगर के भीतर बढ़ते ट्रैफिक और संकरी सड़क के कारण लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे स्थानीय नागरिकों के साथ पर्यटकों को भी खासी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
टम्टा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन बाईपासों की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो और संबंधित प्रस्ताव शीघ्रता से मंत्रालय को भेजे जाएं ताकि स्वीकृति और निर्माण प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी हो सके। बैठक में डीएम आलोक कुमार पांडेय, सीडीओ दिवेश शासनी, एसडीएम संजय कुमार, ईई एनएच ई. अशोक कुमार और संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
हिल साइड ट्रीटमेंट का कार्य शीघ्र होगा शुरू
अल्मोड़ा। केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने क्वारब डेंजर जोन में टीएचडीसी द्वारा तकनीकी अध्ययन के बाद सुझाए गए समाधान के अनुसार कार्य दो चरणों में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में सड़क के नीचे के हिस्से में नदी से लेकर सड़क तक सुरक्षा दीवार निर्माण एवं एंकरिंग कार्य के लिए 17.14 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, और कार्य युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दिया गया है। द्वितीय चरण में सड़क के ऊपर हिल साइड ट्रीटमेंट के लिए 51.37 करोड़ की राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दी जा चुकी है, जिसे शीघ्र शुरू किया जाएगा। यह कार्य क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए अत्यंत वैज्ञानिक एवं स्थायी तरीके से किया जाएगा। टम्टा ने कहा आपातकालीन वैकल्पिक मार्ग के रूप में काकड़ीघाट-डोबा-चैसली मार्ग का सुधारीकरण भी तेजी से किया जा रहा है, ताकि मानसून जैसे संवेदनशील मौसम में आवागमन बाधित न हो। टम्टा ने कहा क्वारब की समस्या के समाधान में धन की कमी कभी बाधा नहीं बनेगी और कार्य की प्रगति की वें नियमित समीक्षा कर रहे हैं।