जनप्रतिनिधि बोले- अधिकारियों की तानाशाही नहीं होगी बर्दाश्त
अल्मोड़ा: द्वाराहाट में क्षेत्र पंचायत की बैठक में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब सीडीओ अंशुल सिंह सदन छोड़कर बाहर चले गए। जिससे जनप्रतिनिधि आक्रोशित हो उठे और ब्लाक के मुख्य गेट के पास धरने पर बैठ पड़े। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने सीडीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जनप्रतिनिधि सीडीओ से माफी मांगने को लेकर अड़े रहे।
सोमवार को द्वाराहाट विकास खंड सभागाार में बीडीसी बैठक आहूत की गई। बैठक में जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में रख रहे थे। इसी दौरान सांसद प्रतिनिधि व क्षेत्र पंचायत सदस्य, रथखाल कैलाश भट्ट ने पिछली बैठक में हुई कार्यवाही पर चर्चा करने की बात रखी। कैलाश भट्ट ने बताया कि जब वह अपनी बात सदन में रख रहे थे तो मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह द्वारा उनसे बैठने के लिए बोला गया। लेकिन उन्होंने अपनी बात जारी रखी। इसी दौरान अचानक सीडीओ अंशुल सिंह बैठक छोड़कर बाहर चले गए। जिसके बाद बैठक में हंगामा खड़ा हो गया। जनप्रतिनिधियों ने सदन में ही नारेबाजी शुरू कर दी। ब्लाक प्रमुख दीपक किरौला के साथ सभी जनप्रतिनिधि ब्लाक के मुख्य गेट पर धरने में बैठ पड़े और सीडीओ के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
करीब आधे घंटे तक जनप्रतिनिधि प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जब तक सीडीओ माफी नहीं मांगेंगे तब तक सदन नहीं चलेगा। मामले को बढ़ते देख सीडीओ अंशुल सिंह ने जनप्रतिनिधियों से वार्ता की और सदन में खेद जताया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
ब्लाक प्रमुख दीपक किरौला ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता से चुना हुआ व्यक्ति है। उसे सदन में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। अधिकारियों को सदन की गरिमा बनायी रखनी चाहिए और जनप्रतिनिधियों के समस्याओं को धैर्य पूर्वक सुनना चाहिए।
सांसद प्रतिनिधि व बीडीसी सदस्य कैलाश भट्ट ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का हक है कि सदन में पिछली बैठक की कार्यवाही पर चर्चा कर सकते हैं। लेकिन मुख्य अधिकारी द्वारा एक जनप्रतिनिधि की आवाज को दबाने का काम किया गया। अधिकारियों की ऐसी तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सदन चलने के बाद पेयजल, कृषि विभाग, किसान सम्मान निधि, उद्यान विभाग पर पौंधों वितरण में अनिमियतता, लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों में लीपापोती, ग्राम्य विकास में मनरेगा में हो रही दिक्कतों आदि मुद्दे सदन में जोर शोर से उठे।
सीडीओ अंशुल सिंह ने प्रत्येक शुक्रवार को ब्लॉक में अधिकारियों को मौजूद रहकर जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को सुनने का निर्देश दिए।
इस दौरान ब्लॉक प्रमुख दीपक किरौला, सीडीओ अंशुल सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत-द्वाराहाट जयकिशन, परियोजना निदेशक चन्द्रा राज, तहसीलदार लीना चन्द्रा, ज्येष्ठ प्रमुख नंदिता भट्ट, बीडीओ संतोष जेठी, नरेन्द्र अधिकारी, जगदीश बुधानी, भूपेन्द्र कांडपाल, कन्नू साह, प्रकाश अधिकारी, दीवान अधिकारी, मनोज मेहरा समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
वही, इस पूरे मामले में मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह से दूरभाष पर वार्ता करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी ओर से फोन रिसीव नहीं हुआ।
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