अल्मोड़ा: जिले में कई जगहों पर शराब की नई उपदुकानें खोली गई हैं। काफलीखान कस्बे में मंगलवार से अंग्रेजी शराब की उपदुकान संचालित हो गई है। जिससे ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। आक्रोशित महिलाएं, बच्चे व युवक विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। ग्रामीणों ने शराब की दुकान को बंद करने की मांग को लेकर अनिश्चिकालीन धरना शुरू कर दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘शराब नहीं, शिक्षा दो…., ‘गांव को गांव रहने दो शराब का अड्डा मत बनाओ…’ नारों के साथ जमकर प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों ने शराब की दुकान के आगे धरना-प्रदर्शन कर शराब की दुकान को तत्काल बंद करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर काफलीखान क्षेत्र में शराब की दुकान संचालित नहीं होने देंगे। वह उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि ग्रामीण अंचल के लोग आज शिक्षा, स्वास्थ्य, जंगली जानवरों का आतंक, पलायन जैसी समस्याओं से जूझ रहे है। इन समस्याओं पर गौर करने व इनका निस्तारण के लिए नीति बनाने के बजाय सरकार धड़ल्ले से शराब के ठेके खोल रही है। गांव में युवा पहले से बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। युवा लगातार नशे की चपेट में आ रहे हैं। रोजगार नहीं होने से मेहनत मजदूरी कर लोग किसी तरह परिवार का भरण-पोषण कर रहे है। सरकार लोगों की समस्याओं को दूर करने के बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।
स्थानीय विधायक के खिलाफ की नारेबाजी
धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों में स्थानीय विधायक मोहन सिंह मेहरा के खिलाफ भी जबर्दस्त आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले में वह जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन को ज्ञापन भी सौंप चुके है और पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके है। लेकिन विधायक ने इस मामले में चुप्पी साधी है। शराब की दुकान बंद कराने में विधायक द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की।
धरना में प्रधान राजेंद्र प्रसाद, नवीन लाल, सुमित लाल, गोविंद देवी, कलावती देवी, गुड्डी देवी, तारा देवी राजंती देवी, कलावती देवी, भगवती देवी समेत भारी संख्या में मातृशक्ति, बच्चे व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।