अल्मोड़ा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित दो दिवसीय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण संपन्न हो गया है। जिसमें विभिन्न विकासखंडों के 93 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
समापन कार्यक्रम में संबोधित करते हुए डायट प्राचार्य गोपाल सिंह गैड़ा ने कहा कि जादुई पिटारा व ई जादुई पिटारे के माध्यम से नन्हे मुन्ने बालकों में अधिगम प्रक्रिया को सरल व सुगम बनाया जा सकता है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आह्वान किया कि वे अपने केंद्र को इस प्रकार सुसज्जित करें कि अभिभावक व बच्चे उसकी ओर आकर्षित हो सके।
मुख्य संदर्भ दाता के रूप में डायट की पूर्व प्रवक्ता पुष्पा बोरा ने खेल-खेल में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में क्षमता संवर्धन, संस्कार और चरित्र निर्माण की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक डॉ. सरिता पांडे ने शिशु वाटिका तथा कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में सीखने-सीखाने की जानकारी दी। कार्यक्रम की सह समन्वयक डॉक्टर हेमलता धामी ने चित्र पुस्तकालय भाषा प्रयोगशाला तथा विभिन्न कुमाउनी लोकगीत व लोक नृत्य के माध्यम से शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास व सांस्कृतिक विकास की जानकारी प्रदान की।