अल्मोड़ा। विकास भवन में बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक शुरू होने से ठीक पहले विवाद हो गया। प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक शुरू होते ही अल्मोड़ा से कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी और द्वाराहाट विधायक मदन सिंह बिष्ट ने बैठक की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाएं। साथ ही विपक्षी विधायकों ने डीएम पर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि बैठक से पहले पूरे जिले का परिव्यय तय होता है। विभागवार अनुमानित बजट आवंटन का प्रस्ताव बनाकर बकायदा बुकलेट विधायकों सहित अन्य सदस्यों को अध्ययन के लिए दी जाती है, ताकि समिति के सदस्य जरुरत के मुताबिक अनुमानित विभागीय बजट को बढ़ाने अथवा कम करने पर राय दें सकें और जरुरतमंद विभाग को बजट आवंटन हो सके। इस बार न तो बुकलेट दी गई और न ही जिला योजना के लिए विधायकों से चर्चा हुई। इस पर समिति के सचिव जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने कहा विधायक आमंत्रित सदस्य हैं, इस पर हंगामा बढ़ गया।
कांग्रेस विधायकों ने डीएम पर विधायकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और बैठक से उठ कर बाहर निकल आए। बैठक कक्ष में हुई तीखी बहस और बाहर हंगामे से अफसर सकते में आ गए। सीडीओ और डीएसटीओ नाराज विधायकों को बाहर आकर मनाते रहे पर विधायक फिर से बैठक में जाने को राजी नहीं हुए।
प्रभारी मंत्री के निर्देश पर रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल साथी विधायकों को मनाने पहुंचे। नाराज विधायकों ने डीएम के व्यवहार को लेकर असंतोष जताया। बाद में डीएम, नाराज विधायकों और अन्य विधायकों की बंद कमरे में वार्ता हुई। कुछ देर बाद सभी वापस पहुंचे। इसके बाद जिला योजना की बैठक में विभागवार परिव्यय पर चर्चा शुरु हुई।