अल्मोड़ा। छंजर सभा का रजत जयंती समारोह 25 वीं वर्षगांठ लक्ष्मी भंडार हुक्का क्लब में धूमधाम से मनाई गई। प्रथम सत्र में आयोजित विचार गोष्ठी के विषय अल्मोड़ा की साहित्यिक परंपरा पर वक्ताओं ने चर्चा की। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायक दीवान कनवाल ने गीतों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी।
इस सत्र में मुख्य अतिथि डॉ हयात सिंह रावत रहे। जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ कुमाउनी कवि दीपक कार्की ने की। डॉ. महेंद्र महरा मधु ने कविता के समृद्ध इतिहास पर अपना व्यक्तव्य केंद्रित किया और छंजर सभा के 25 सालों के सफर पर विस्तार से चर्चा की।
प्रो. दिवा भट्ट ने गुमानी, गिरदा, चारु चंद्र पांडेय, शेरदा अनपढ़, मोहम्मद अली अजनवी, बालम सिंह जनोटी आदि साहित्यकारों को याद किया। नवीन बिष्ट ने बालम सिंह जनौटी के घर कुमाऊनी आश्रम में बसंत पंचमी के दिन होने वाली काव्य गोष्ठीयों को याद किया।
मुख्य अथिति डॉ. रावत ने कुमाउनी के रचनाकारों का आह्वान किया कि बच्चों से कुमाउनी बोलें व साहित्यकार विभिन्न विधाओं में लेखन करें। कुमाउनी कवि कार्की ने कहा कि छंजर सभा जैसे अनौपचारिक संगठन जिसका कोई पदाधिकारी न हो 25 सालों तक अनवरत चलना मुश्किल ही नहीं असंभव है।
द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. देव सिंह पोखरिया रहे। जबकि अध्यक्षता रिटायर्ड प्रोफेसर एसए हामिद ने की। इस सत्र में विपुल जोशी, डॉ धाराबल्लभ पांडे, कमला बिष्ट, प्रेमा गड़कोटी, मीनू जोशी, दयाल पांडेय, दयाल पांडेय, ध्रुव टम्टा, रमेश लोहुमी, डॉ मधु महरा, बिपिन चंद्र जोशी, तफ़ज्जुल खान, नीरज पंत, दीपक कार्की, डॉ दिवा भट्ट, नवीन बिष्ट, कंचन तिवारी, प्रो. देव सिंह पोखरिया, प्रो. केसी जोशी व प्रो. एसए हामिद आदि कवियों ने काव्य पाठ किया। संचालन पहरू के संपादक नीरज पंत ने किया।
यहां मनमोहन चौधरी, विनीत बिष्ट, डॉ ममता पंत, भुवन जोशी व अन्य लोग मौजूद रहे।