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अल्मोड़ा पहुंची सीसीएफ तेजस्विनी पाटिल, वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं व मानव-वन्यजीव संघर्ष पर कही यह बात

अल्मोड़ा। पहाड़ में पारा चढ़ने के साथ ही जंगलों में आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। वनाग्नि से अब तक कई हेक्टेयर क्षेत्र जंगल प्रभावित हो चुका है। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि मई व जून माह की भीषण गर्मी में आग की घटनाओं के बढ़ोत्तरी हो सकती है। इन दो माह में दावानल की घटनाओं को कंट्रोल करना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।

इधर मंगलवार को अल्मोड़ा दौरे पर पहुंची मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ), कुमाऊं तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि मई पहले सप्ताह के बाद चीड़ के जंगलों में पिरूल भारी मात्रा में गिरना शुरू हो जाता है। जिससे आग की घटनाएं बढ़ने लग जाती है। इससे निपटने के लिए अलग से फंड की व्यवस्था कर ली गयी है। इस फंड से आग बुझाने के लिए अलग से मजदूर रखे जायेंगे, ताकि आग की घटनाओं को कंट्रोल किया जा सके।

जानवरों के मूवमेंट वाले क्षेत्रों में न जाए लोग
मानव वन्यजीव संघर्ष की लगातार बढ़ रही घटनाओं पर सीसीएफ तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में टाइगर, गुलदार या अन्य जंगली जानवर लोगों पर रिहायशी इलाके के मुकाबले जंगलों में अधिक अटैक कर रहे। उन्होंने कहा कि जंगल में घास या जलावनी लकड़ी को जाने वाली महिलाएं अकसर जंगली जानवरों का शिकार होती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह जंगली जानवरों के मूवमेंट वाले क्षेत्रों में न जाए। विभाग वन निगम के साथ बात कर लोगों को टाल के माध्यम से जलावनी लकड़ी उपलब्ध करायेगा। ताकि लोग बाघ या गुलदार का शिकार होने से बच सके।

मृग विहार का किया निरीक्षण
मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं तेजस्विनी पाटिल ने एनटीडी स्थित मृग विहार का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जू में रह रहे जानवरों की जानकारी ली व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मृग विहार को और अधिक आकर्षित बनाने के लिए सीसीएफ ने सिविल सोयम वन प्रभाग के अधिकारियों को​ निर्देशित किया। इसके अलावा सीसीएफ ने अयारपानी स्थित मॉडल क्रू स्टेशन व गणानाथ में किए गए पौंधारोंपण का जायजा​ लिया। साथ ही अधिकारियों को पौंधों को आग से बचाने के ​निर्देश ​भी दिए।

सीसीएफ तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि मृग विहार में लैंडस्केपिंग, सेल्फी प्वाइंट, कैंटीन समेत अन्य कार्यों से यहां की सुंदरता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है।

इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है ताकि भविष्य में मृग विहार में घूमने आने वाले सैलानियों व स्थानीय लोगों को बेहतर अनुभव मिल सके और वह यहां से अच्छी यादें ले जा सके।

इस दौरान वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊँ वृत्त प्रवीण कुमार, डीएफओ सिविल सोयम डीसी पंत, रेंजर मृग विहार देवेंद्र सिंह खोलिया, वन दरोगा भगवती उपाध्याय, दीपा पाठक, डिप्टी रेंजर लक्षम राम, वन बीट अधिकारी खजान सिंह मेहता आदि मौजूद थे।

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