इंडिया भारत न्यूज़ डेस्क(IBN): रेलवे भूमि अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को भी नोटिस जारी किया है। अब 7 फरवरी तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।
कोर्ट ने कहा कि आप सिर्फ 7 दिनों में खाली करने के लिए कैसे कह सकते हैं? हमें कोई प्रैक्टिकल समाधान ढूंढना होगा। समाधान का ये यह तरीका नहीं है। जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने उस जमीन पर आगे के निर्माण कार्य और विकास कार्य पर रोक लगाई है। 7 फरवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने इस केस की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से कॉलिन गोंजाल्विस ने बहस की।
कोर्ट ने कहा कि आप केवल 7 दिनों का समय दे रहे हैं और कह रहे हैं कि खाली करो। ये मानवीय मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से भी पूछा कि लोग 50 सालों से रह रहे हैं, उनके पुनर्वास के लिए भी कोई योजना होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि भले ही यह आपकी जमीन हो, कुछ लोगों ने कहा है कि वो 1947 से पहले से हैं। उन्होंने लीज पर जमीन ली और मकान बनाए, किसी ने नीलामी में खरीदा, उनका क्या होगा। विकास की अनुमति दी जानी चाहिए लेकिन लोग इतने लंबे समय तक रुके रहे तो पुनर्वास की अनुमति दी जानी चाहिए। आप 7 दिनों में खाली करने के लिए कैसे कह सकते हैं?
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