अल्मोड़ा। अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग में क्वारब के पास बार-बार मलबा व पत्थर आ रहे है। यहां पहाड़ी के एक बड़े हिस्से में कई दरारें आ चुकी हैं। समस्या का समाधान खोजने के लिए रविवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने टीएचडीसी के एक्सपर्ट, राष्ट्रीय राजमार्ग व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ डेंजर जोन का मौका मुआयना किया। उन्होंने अधिकारियों को समस्या का स्थाई समाधान निकालने के निर्देश दिए। साथ ही यात्रियों के लिए खतरा बनी पहाड़ी से मलबा गिराने की कार्यवाही तत्काल शुरू करने के लिए निर्देशित किया।

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि यह मार्ग कुमाऊं के तीन जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत की लाइफलाइन है। यहां से कुमाऊं की बड़ी आबादी आवाजाही करती है। उन्होंने डेंजर जोन का भूगर्भीय परीक्षण किए जाने तथा स्थाई समाधान के साथ ही वैकल्पिक मार्ग की संभावनाएं जल्द खोजे जाने के लिए अफसरों को निर्देशित किया। क्वारब पुल के आस पास बैली ब्रिज स्थापित करने के लिए जगह तलाशने और टैक्निकल एक्सपर्ट से राय लेकर प्लान तैयार के निर्देश दिए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रात में डेंजर जोन के पास हाई पावर की लाइट की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
विशेषज्ञों ने लैंडस्लाइड की बताई ये वजह
अल्मोड़ा। टीएचडीसी की भू वैज्ञानिकों की तीन सदस्यीय टीम ने क्वारब डेंजर जोन की पहाड़ी पर चढ़कर गहराई से निरीक्षण किया। टीएचडीसी के उप महाप्रबंधक कैलाश उनियाल ने कहा कि डेंजर जोन के पास प्रभावित पहाड़ी की कटिंग के बाद सुरक्षा दीवार नहीं देना भी यहां पर भूस्खलन होने की एक वजह है। पहाड़ी के एक बड़े हिस्से पर कई दरार आ चुकी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी के ऊपर बने चाल खाल ने भी ग्राडंड लेवल वाटर को रिचार्ज करने का कार्य किया है। जिससे यह खतरा उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी पर 8 से 10 मीटर की गहराई के बाद ठोस चट्टान हो सकती है। जिसमें ड्रीलिंग व एकरिंग कर वर्तमान में उत्पन्न खतरे को रोका जा सकता है।
टीएचडीसी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एनएच को सौंपेगी
अल्मोड़ा। निरीक्षण के लिए पहुंचे विशेषज्ञों ने कहा कि क्वारब डेंजर जोन के पास पहाड़ी में अंदर से वॉटर बॉडीस दिखाई दे रही है। इसके लिए ईआरटी व जियोफिजिकल टेस्ट कराया जाएगा। टीएचडीसी एक हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट एनएच को सौंपेगी। जिसके बाद समस्या के स्थाई समाधान पर कार्य शुरू होगा। इधर, राष्ट्रीय राजमार्ग के चीफ इंजीनियर दयानंद ने कहा कि पहाड़ी के साथ-साथ नदी की ओर भी सड़क का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो रहा है। इसके लिए आरसीसी की रिटेनिंग वॉल लगाकर और फीलिंग कर एक लेन की चौड़ाई बनाई जाएगी। जिसके बाद इस पर यातायात चलता रहेगा। और पहाड़ी वाले हिस्से से मलबा गिराया जाएगा। मलबा हटाने और टीएचडीसी की रिपोर्ट के आधार पर स्थायी समाधान की ओर बढ़ा जाएगा।
निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षेत्रीय अधिकारी डीके शर्मा, डीएम आलोक कुमार पांडेय, एसएसपी देवेंद्र पींचा, मुख्य अभियंता एनएच दयानंद, एसई एनएच अनिल पांगती, एसडीएम जयवर्धन शर्मा, टीएचडीसी के उप महाप्रबंधक कैलाश उनियाल, वरिष्ठ प्रबंधक भगत राम कोठारी, स्ट्रक्चर इंजीनियर विनय पुरोहित, ईई एनएच रानीखेत खंड महेंद्र कुमार, ईई हल्द्वानी खंड प्रवीण कुमार, जिलाध्यक्ष बीजेपी रमेश बहुगुणा, महामंत्री धमेंद्र बिष्ट, महेंद्र रावत समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।