अल्मोड़ा। कांग्रेस व ठेकेदार संघ के धरने के आगे जिला प्रशासन ने आखिरकार हार मार ली है। क्वारब के वैकल्पिक मार्ग के तौर पर बनने वाले बाईपास के लिए लोनिवि द्वारा अब निविदा जारी की जाएगी। साथ ही बाईपास के कटिंग कार्य को भी रोक दिया गया है। एसडीएम से वार्ता और विभाग के लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद कांग्रेस व ठेकेदार संघ ने अपना अनिश्चिकालीन धरना समाप्त कर दिया है।
चौसली डोबा मोटर मार्ग में किमी एक के पास स्थित पुल से 10.23 करोड़ की लागत से बाईपास का निर्माण होना है। प्रांतीय खंड लोनिवि ने कटिंग का कार्य शुरू करवा दिया था। बिना टेंडर प्रक्रिया के बाईपास का निर्माण होने पर कांग्रेसी भड़क उठे। गत बुधवार की दोपहर 12 बजे विधायक मनोज तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईई लोनिवि विभाग के कार्यालय के बाहर अनिश्चिकालीन धरना शुरू दिया था।
कांग्रेस कार्यकर्ता करीब 27 घंटे तक धरने पर अड़े रहे। आक्रोश बढ़ते देख बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन से एसडीएम संजय कुमार और ईई हर्षित गुप्ता प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे। जहां उन्हें प्रदर्शनकारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों की एक नहीं मानी। बाद में विभाग की ओर से सड़क कटिंग का कार्य रूकवाने और शीघ्र टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का लिखित आश्वासन देने के बाद कांग्रेस और ठेकेदार संघ ने अपना आंदोलन समाप्त किया।
विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि नियमों व मानकों को ताक पर रखकर जिस तरह बाहरी ठेकेदारों को करोड़ों का काम सौंपने का कार्य किया जा रहा है उसके पीछे विभाग ही नहीं बल्कि शासन प्रशासन के कई लोग शामिल है। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी विभाग द्वारा ऐसी लापरवाही की गई तो उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उधर, ईई हर्षित गुप्ता ने कहा कि 10 करोड़ का काम एक ठेकेदार को देने का जो आरोप लगाया जा रहा है वह गलत है। भारत सरकार द्वारा तात्कालिकता को देखते हुए बाईपास को टुकड़ों में तोड़ने की अनुमति दी थी। यहां कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, तारा चंद्र जोशी, प्रकाश चंद्र जोशी, राजेंद्र बाराकोटी, एमसी आर्या, मनोज वर्मा सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बिना निविदा सड़क बनाने पर भड़के ठेकेदार
अल्मोड़ा। बिना निविदा जारी किए बाईपास का निर्माण करने पर हिल्स कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले ठेकेदारों ने लोनिवि कार्यालय के बाहर बेमियादी धरना शुरू कर दिया। यहां संगठन के अध्यक्ष प्रयाग सिंह बिष्ट व महासचिव सुरेंद्र बेलवाल ने कहा कि विभाग द्वारा शासनादेश व नियमों की पूर्ण अनदेखी की गई है। कहा कि शासन ने पर्वतीय क्षेत्र के ठेकेदारों के हित में 10 करोड़ तक के कार्य प्राथमिकता से आवंटित करने का आदेश जारी किया है। लेकिन विभाग द्वारा शासनादेश की अवहेलना करते हुए 10.23 करोड़ का कार्य बिना निविदा के बाहरी ठेकेदार को सौप दिया गया। बाद में विभाग द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद ठेकेदारों ने भी धरना समाप्त कर दिया।