अल्मोड़ा। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा देश भर में लगाए गए आपातकाल की 50 वीं बरसी के मौके पर भाजपा इस दिन को संविधान हत्या दिवस के तौर पर मना रही है। पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक कैलाश शर्मा ने आपातकाल को याद करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को घेरा।
शर्मा ने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल देश का सबसे काला अध्याय था। आपातकाल के समय बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और आम आदमी की स्वतंत्रता छीन ली गई थी। यहां तक की प्रेस और न्यायपालिका की भी स्वतंत्रता पर लगाम लगा दी गई थी।
शर्मा ने कहा कि आपातकाल की घोषणा किसी राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी। यह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सत्ता बचाने की रणनीति थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उनकी चुनावी सदस्यता रद्द करने के बाद यह निर्णय लिया गया और इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का हवाला देकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया।
शर्मा ने कहा कि आपातकाल में जिस तरह की वीभत्सा हुई थी उसे सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के ठीक बाद 1976 में संजय गांधी द्वारा पुरुषों की नसबंदी कराने का फैसला किया। जबरन लोगों को उनके घरों से उठाकर नसबंदी कर दी जाती थी। इससे बड़ा अत्याचार इस देश में क्या हो सकता है।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष महेश नयाल, महापौर अजय वर्मा, दर्जा राज्यमंत्री गंगा बिष्ट, रणजीत भंडारी, रमेश बहुगुणा, अरविंद बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, गिरीश खोलिया, जगत भट्ट, धर्मेंद्र बिष्ट, जगत तिवारी आदि मौजूद रहे।
इसके बाद पार्टी कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भाजपा ने आपातकाल के समय की यातना से पीड़ित लोकतंत्र के सेनानी रणजीत सिंह भंडारी एवं प्रेम सिंह बिष्ट के पुत्र हरीश बिष्ट को सम्मानित किया।