देहरादूनः यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा समेत अन्य भर्ती परीक्षाओं में धांधली के बीच अचानक विधानसभा में हुई बैकडोर भर्ती का मामला गर्माने लगा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है। इसमें हुई भर्तियों में सामने आ रही गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया जाएगा। इसके लिए सरकार से जिस तरह के सहयोग की अपेक्षा की जाएगी, वह दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। सीएम ने कहा कि विधानसभा में हुई जिस भी भर्ती पर सवाल उठ रहे हैं। वह चाहे किसी के भी कालखंड में हुई हो, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके लिए वह विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से अनुरोध करेंगे।
विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति
विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है। विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टॉफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं। यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है। मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई। बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए। इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है।
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