अल्मोड़ा: शिक्षा विभाग की अजब गजब कहानी है। महकमा अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। एक बार फिर विभागीय अफसरों की लापरवाही के चलते शिक्षा विभाग चर्चाओं में है।
दरअसल, जनपद में बीते 1 नवंबर को अर्द्धवार्षिक परीक्षा के तहत कक्षा 9 व 10वीं के विज्ञान विषय की परीक्षा हुई। लेकिन जब छात्र-छात्राओं को प्रश्न पत्र मिला तो वह दंग रह गए। हिंदी के बजाय सभी छात्र-छात्राओं के हाथ में अंग्रेजी माध्यम का प्रश्न पत्र थमा दिया गया है। हिंदी माध्यम से पढ़ाई व तैयारी कर परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में प्रश्न पत्र मिलने से परीक्षा डयूटी में तैनात शिक्षक भी हैरान रह गए। छात्रों को अंग्रेजी में मिले प्रश्नपत्र को हल करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इससे पहले जिले में 21 अक्टूबर 2022 को कक्षा 6 से 8वीं तक के विज्ञान विषय की परीक्षा में भी छात्र-छात्राओं को हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों में प्रश्नपत्र मिलने के बजाय सिर्फ अंग्रेजी माध्यम में प्रश्न पत्र मिला था।
इस मामले में जब शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा गया तो उनके द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि इस मामले में वह अधिकारियों से जानकारी लेंगे। वही, प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा सत्यानारायण ने कहा कि, मामला उनके संज्ञान में नहीं है। एससीईआरटी द्वारा प्रश्न पत्रों की सीडी तैयार कर भेजी गई थी। जनपद में उनका मुद्रण करवा कर स्कूलों को भेज दिए गए थे। उन्होंने कहा कि मामले में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी।
आदेश जारी कर खुद भूल गया विभाग
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने 27 जुलाई 2022 को आदेश जारी किया था। जिसमें प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में कक्षा तीन से 12वीं तक विज्ञान विषय का पठन-पाठन अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम में कराने की बात कही गई थी। इस मामले में सभी सीईओ को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए थे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग के अफसर पूर्व में किए गए अपने ही आदेश में कही गई बातों को भूल गए। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे में यह अफसर नौनिहालो के भविष्य को लेकर कितने सजग है।
6 साल पहले लिया गया था निर्णय
दअरसल, 23 अगस्त 2017 को शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें तीसरी से 12वीं तक विज्ञान विषय की पढ़ाई केवल अंग्रेजी माध्यम से करने का निर्णय लिया था। लेकिन बाद में विभाग को विज्ञान विषय को अंग्रेजी माध्यम से पठन-पाठन में कठिनाइयां उत्पन्न होने की शिकायतें मिलने लगी। जिसके बाद विभाग ने इस संबंध में विभिन्न स्तर से फीडबैक लिया। जिसके बाद 22 जून 2022 को विभागीय समीक्षा बैठक की गई। जिसमें विज्ञान विषय को अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन कराये जाने से हो रही कठिनाई पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। इसके बाद निर्णय लिया गया कि विज्ञान विषय की पढ़ाई दोनों माध्यमों से कराई जाए।
प्रश्न पत्र द्विभाषी स्वरूप में उपलब्ध कराने की मांग
इधर, राजकीय शिक्षक संघ की जनपद इकाई की ओर से मामले में शिक्षा महानिदेशक को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा कि विज्ञान विषय का शिक्षण अंग्रेजी व हिंदी दोनों माध्यमों में कराए जाने के निर्देश के बाद प्रश्न पत्र अंग्रेजी में आने से छात्र-छात्राओं को मनोबल क्षीर्ण हुआ है साथ ही हिंदी अनुवाद में समय की हानि भी हुई है। विद्यार्थियों के हित को देखते हुए राजकीय शिक्षक संघ ने भविष्य में विज्ञान विषय का प्रश्न पत्र अंग्रेजी व हिंदी द्विभाषी स्वरूप में उपलब्ध कराने की मांग की है।
ज्ञापन में राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भारतेंदु जोशी, जिला मंत्री भूपाल सिंह चिलवाल, दिनेश पंत, मीनाक्षी जोशी, कैलाश सिंह रावत, अजरा परवीन, मदन सिंह भंडारी, रैना अधिकारी व जीवन सिंह नेगी के हस्ताक्षर है।
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