अल्मोड़ा। हर साल फायर सीजन के दौरान वन महकमे के लिए वनाग्नि एक बड़ा चिंता का कारण बनती है। वनाग्नि रोकने के लिए वन विभाग व हंस फाउंडेशन द्वारा गांव स्तर पर फायर फाइटर्स तैयार किए है, जिन्हें दिनों प्रशिक्षण देकर फायर सीजन के लिए तैयार किया जा रहा है। ताकि वनाग्नि की घटनाओं को रोका जा सकें।
बुधवार को वन चेतना केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में राजस्व ग्राम मन्योली, चितई पंत, कनाप, भुल्यूड़ा, सैनार, तलाड़ और फड़का के फायर फाइटरों को वनाग्नि प्रबंधन और खुद का बचाव करने का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही पिरुल एकत्रिकरण की जानकारी दी गई। एसडीआरएफ के एसआई महिपाल सिंह ने आपदा के समय रेस्क्यू करने व घायलों को फर्स्ट एड व सीपीआर देने के तरीकों के बारे में बताया। इसके अलावा प्राथमिक चिकित्सा, इंप्रोवाइज तरीके से स्ट्रेचर बनाना, फायर उपकरणों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में वन बीट अधिकारी पूनम पंत, चंद्रेश पंत, दीपक ओली, शंकर कुमार, नीरज परगाई, रोहित कांडपाल, श्रीकांत, दीपक कुमार, नीरू, चांदनी, इंदु मेहता, डीएस जोशी, गीता रौतेला, करन कांडपाल आदि मौजूद रहे।
वनाग्नि की रोकथाम के लिए मिलकर करेंग काम
अल्मोड़ा। ताकुला विकासखंड के ग्राम रैत में फायर फाइटर्स की बैठक हुई। जिसमें गांव की कई महिलाओं ने प्रतिभाग किया। बैठक में मुख्य रूप से वनाग्नि पर चर्चा हुई। और इसकी रोकथाम की रणनीति बनाई गई। बैठक में महिलाओं ने कहा कि गांव के आस पास कुरी की झाड़ियां तेजी से फैल रही है। सभी ने झाड़ी कटान व वनाग्नि की रोकथाम के लिए मिलजुल कर कार्य करने का संकल्प लिया। यहां नीमा राणा, भावना देवी, भगवती राणा, हंसी राणा, विद्या, खष्टी, कमला, गीता, नीलम, भगवती देवी समेत अन्य महिलाएं मौजूद रही।
एसडीआरएफ कैंप से सटे जंगल में लगी आग
अल्मोड़ा। सर्दी के सीजन में भी जंगलों में आग लगने की घटनाओं से हर कोई हैरान है।सरियापानी में एसडीआरएफ कैंप से सटे जंगल में भीषण आग लग गई। सूचना के बाद एसडीआरएफ व फायर सर्विस की टीम मौके पर घटनास्थल पहुंची। आग आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ रही थी। जिसे फायर सर्विस यूनिट ने चार होज पाइप फैलाकर पंपिंग कर तथा एक होज रील फैलाकर आग को बुझाना शुरू किया। लेकिन आग दूर होने के कारण फायर बीटर तथा पेड़ की टहनियों की सहायता से पीट-पीट कर कड़ी मशक्कत से आग को बुझाया गया। आग बुझने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।