अल्मोड़ा: जिले में एक रिहायशी मकान में 2 किंग कोबरा घुस गए। एक साथ दो किंग कोबरा घर में घुसने से हड़कंप मच गया। दोनों कोबरा घर के अंदर घुसने के बाद दीवार के बीच जाकर छिप गए। इस घटना के बाद ग्रामीणों में इस कदर दहशत फैल गई कि कोई उनके पास जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाया। करीब दो सप्ताह से अधिक समय तक मकान में रहने वाले लोग व आस पास के ग्रामीण दहशत के माहौल में जीते रहे। बाद में सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू के दौरान एक कोबरा सांप तो पकड़ लिया, लेकिन दूसरा किंग कोबरा भागकर पेड़ पर चढ़ गया।
घटना विकास खंड लमगड़ा के चौमू गांव की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मोहन सिंह नैनवाल पुत्र स्व. धन सिंह नैनवाल के आवास में दो किंग कोबरा घुस गए। जिसमें गाय व बकरियां रहती हैं। इसी मकान के दो मंजिले में मोहन सिंह व उनका परिवार रहता है। मकान में रहने वाले लोगों की नजर जैसे ही कोबरा के जोड़े पर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। इस घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट पड़ी। कोबरा की दहशत लोगों में इस कदर थी कि कोई भी उनके पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। बाद में किसी तरह कुछ लोगों ने हिम्मत जुटा कर अंदर जाकर देखा तो दोनों कोबरा दीवार के बीच में बनी जगह में जाकर छुपे हुए थे।
डर से दहशत में गुजारे दो सप्ताह
किंग कोबरा का जोड़ा करीब दो सप्ताह तक घर के अंदर ही रहा। मोहन सिंह का परिवार व आस पास के ग्रामीण दो सप्ताह तक कोबरा के डर से दहशत के साए में जीते रहे। रात के समय सोने के दौरान उन्हें अधिक डर सताने लगा। ग्रामीणों को वन विभाग की रेसक्यू टीम की जानकारी नहीं थी। घटना के करीब 15 दिन बाद मकान मालिक ने वन पंचायत सरंपच अशोक सिंह को इस बारे में बताया। जिसके बाद अशोक सिंह ने वन विभाग को घटना की सूचना दी। सूचना के बाद वनरक्षक राजेंद्र सिंह बिष्ट व भुवन लाल गांव पहुंचे।
एक कोबरा रेसक्यू कर पकड़ा तो दूसरा भागा
गांव पहुंचकर वन विभाग की टीम ने किंग कोबरा के जोड़े को पकड़ने के लिए रेस्क्यू चलाया। टीम की कड़ी मशक्कत के बाद करीब 11 से 12 फीट लंबा एक कोबरा पकड़ लिया गया। वही, दूसरा कोबरा भागकर घर से कुछ ही दूरी पर स्थित विशालकाय पीपल के पेड़ पर चढ़ गया। पहली बार इतने बड़े किंग कोबरा को देख वहां मौजूद महिलाओं व बच्चों की चीख पुकार निकल पड़ी। कोबरा के रेस्क्यू के बाद मकान मालिक व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। लेकिन दूसरे किंग कोबरा के नहीं पकड़े जाने से आस पास रहने वाले ग्रामीणों में भय का माहौल बरकरार है।
वन पंचायत सरपंच अशोक सिंह, मकान स्वामी मोहन सिंह नैनवाल ने वन विभाग की टीम का आभार जताया है। किंग कोबरा के रेस्क्यू में किशन सिंह राणा, प्रदीप सिंह पवार, मदन सिंह राणा, विमला देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम की सहायता की।
वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम आर्य ने बताया कि जिस सांप का रेस्क्यू किया गया, वह किंग कोबरा है। जो करीब 11 से 12 फीट लंबा है।
गौरतलब है कि किंग कोबरा दुनिया के सबसे जहरीला सांपों में एक माना जाता है। गर्म वातावरण को पसंद करने वाला किंग कोबरा अब पहाड़ में भी दिखने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जून, 2020 में नैनीताल में मुक्तेश्वर के करीब देवनगर गांव और अगस्त 2020 को अल्मोड़ा के सिमरार गांव में किंग कोबरा देखा गया था। इसके अलावा उत्तराखंड के कई अन्य इलाकों में भी कई किंग कोबरा देखे गए हैं। लेकिन गर्म जगहों पर रहने वाला किंग कोबरा के रहन सहन में हुए बदलाव व इसके अचानक ठंडी जगहों पर निवास करने से जीव वैज्ञानी भी हैरान है।
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