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उत्तराखंड-(बड़ी खबर): स्कूल बसों के लिए नई गाइडलाइन जारी, ये होंगे नियम

देहरादून। गाजियाबाद व देहरादून के विकासनगर में इस वर्ष हुई सड़क दुर्घटना में स्कूली बच्चों की मौत के बाद स्कूली वाहनों पर परिवहन विभाग की नींद टूटती दिख रही है। विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्कूली बच्चों की सुविधा एवं सुरक्षा के मद्देनजर गाइडलाइन बनाई है। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह की ओर से जारी गाइडलाइन में चालकों को लेकर नियम कड़े किए गए हैं।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 80 प्रतिशत निजी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है। आयोग द्वारा पूर्व में सरकार को सौपी रिपोर्ट में​ टिप्पणी की गई थी कि ये स्कूली वाहन न सिर्फ बच्चों की जान संकट में डाल रहे, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन कर रहे।

स्कूल बसों की नई गाइडलाइन

बस चालक को न्यूनतम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना जरूरी।
चालक का पुलिस सत्यापन अनिवार्य।
अगर चालक का परिवहन नियम तोडऩे पर पूर्व में दो बार चालान हुआ है तो स्कूल बस चलाने के लिए अयोग्य।
यदि चालक का एक बार ओवरस्पीड, खतरनाक ढंग या फिर शराब पीकर वाहन चलाने में चालान हुआ है तो ऐसा चालक प्रतिबंधित रहेगा।
बिना योग्य परिचालक के कोई स्कूल बस का संचालन नहीं करेगा।
परिचालक की योग्यता केंद्रीय मोटरयान नियमावली के अनुसार होनी अनिवार्य।
जिन वाहन का उपयोग छात्राओं को ले जाने में होता है, उसमें महिला सहायक का होना अनिवार्य।
स्कूल वाहन निर्धारित गति पर संचालित किए जाए। स्पीड गर्वनर अनिवार्य।
निर्धारित संख्या से अधिक छात्र बैठाना प्रतिबंधित व स्कूल बैग रखने की समुचित व्यवस्था होना अनिवार्य।
सुरक्षा के लिए बंद दरवाजा अनिवार्य। खुले दरवाजे वाले वाहन प्रतिबंधित।
चालक को बच्चों के नाम, पते, ब्लड ग्रुप, रूट प्लान व रुकने के प्वाइंट की पूरी जानकारी होना अनिवार्य।
वाहन में फर्स्‍ट एड बाक्स व अग्नीशमन यंत्र होना अनिवार्य।

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