मनी लॉन्ड्रिंग केस में संलिप्त बताकर पीड़ित से की थी ठगी, ठगी करने वाले गिरोह के अन्य सदस्य भी पुलिस की रडॉर पर
अल्मोड़ा। जिले में एक बुजुर्ग को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर सात लाख से अधिक रुपयों की ठगी मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। लमगड़ा थाना पुलिस, एसओजी व साइबर टीम के संयुक्त प्रयासों से दो आरोपियों को खरगौन, मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस के हाथ कई सुराग लगे हैं गिरोह के अन्य कई आरोपी भी पुलिस की रडार पर है। आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस जाल बिछाने में जुटी है।
गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी देवेंद्र पींचा ने कहा कि घटना इसी साल जनवरी माह की है। लेकिन पीड़ित जीवन सिंह मेहता, निवासी लमगड़ा द्वारा घटना के करीब एक माह बाद 21 फरवरी को लमगड़ा थाना में शिकायत दर्ज कराने के बाद संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया। और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तत्काल पुलिस टीम गठित की गई।
एसएसपी ने बताया कि शातिर आरोपियों द्वारा खुद को सीबीआई अफसर बताकर 13 से 17 जनवरी पांच दिन तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट पर रखा। मनी लॉन्ड्रिंग केस में संलिप्त होने का डर दिखाकर पीड़ित से सात लाख बीस हजार रुपये हड़प लिए गए। गत 21 अप्रैल को पुलिस द्वारा गिरोह के दो आरोपियों संतोष गुर्जर (31) पुत्र कालूजी गुर्जर, निवासी बावड़ीखेड़ा, थाना बडवाह जिला खरगौन व कपिल सोनी (49) पुत्र प्रेम सूरज सोनी, निवासी आचार्य विनोबा भावे वार्ड-15 थाना व जिला खरगौन को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान आठ खातों का पता लगा है। आरोपी कपिल सोनी सुनार का काम करता है। आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में आरोपियों से कई सुराग मिले है। आगे कहां इनके लिंक है कहां पैसा भेजा गया है इसके खुलासे में पुलिस जुटी हैं। साथ ही गिरोह के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। एसएसपी ने पुलिस टीम को दस हजार के नगद ईनाम से पुरुस्कृत किया है।
एसएसपी ने कहा कि आपराधिक कानून के तहत डिजिटल गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं है। इससे बचने का एक मात्र उपाय जागरूकता है। एसएसपी ने आजनमानस से अपील की है कि इस तरह के मामले में तुरंत नजदीकी थाने में जाकर शिकायत करें और अलर्ट रहें।