अल्मोड़ा। संघर्ष जब जुनून में बदल जाए, तो सफलता कदम चूमती है। उत्तराखंड बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश में 11वी रैंक और जिला टॉपर छात्र कृष्ण चंद्र की कहानी कुछ ऐसी ही है। सीमित संसाधनों, आर्थिक तंगी और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने ये साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
स्याल्दे विकासखंड के अति दुर्गम क्षेत्र के कृषि विज्ञान इंटर कॉलेज चनोली के छात्र कृष्ण चंद्र अल्मोड़ा व पौड़ी जिले की सीमावर्ती गांव जड़पानी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके पिता दर्शन कुमार दिल्ली में गेस्ट हाउस में कुक का काम करते हैं। माता कविता देवी राप्रावि तिमिलखेत जड़पानी में भोजनमाता हैं।
कृष्ण ने 500 में से 475 नंबर प्राप्त किए है। जिसमें हिंदी में 99, फिजिक्स में 92, कैमिस्ट्री में 96, अंग्रेजी में 89, बायो में 99 नंबर हासिल किए है।
कृष्णा के मुताबिक उनके गांव में अक्सर बिजली व्यवस्था बाधित रहती है नेटवर्क की काफी समस्या है। परीक्षा के समय भी इन दिक्कतों से उन्हें जूझना पड़ा। लेकिन उनके पास मजबूत इच्छाशक्ति थी और वें बिजली नहीं होने पर टॉर्च की रोशनी से पढ़ाई करते थे। प्रत्येक दिन आफलाईन और आनलाईन कुल तीन से चार घंटे और परीक्षा के समय छह से सात घंटे पढ़ते थें।
स्कूल की प्रधानाचार्य भावना पाठक ने बताया कि कृष्ण बचपन से ही प्रतिभा के धनी हैं। उनके बड़े भाई भी मेधावी छात्र रहे हैं। जो हाल में रामनगर में बीएससी की पढ़ाई करते है। कृष्ण ने बताया वह अपने भौतिक विज्ञान के शिक्षक डीएनएस नेगी के पढ़ाने की शैली से काफी प्रभावित हुए है। वें भी भविष्य में शिक्षक बनकर सेवा करना चाहते है। कृष्ण मातृभाषा में कविता लिखने में भी अपना शौक रखते है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं हाईस्कूल टॉपर दिवस
अल्मोड़ा। पीएमश्री राइंका पटलगांव चौखुटिया के छात्र दिवस जोशी ने हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में आठवां व जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर गेवाड़ घाटी को गौरवान्वित किया है। उन्होंने हिंदी व अंग्रेजी में 96—96 तथा गणित, सामाजिक विज्ञान व पेंटिंग में 100—100 नंबर हासिल किए। 500 में से कुल 488 अंक प्राप्त किए। दिवस के पिता पंकज जोशी इसी विद्यालय में गणित प्रवक्ता के साथ ही प्रभारी प्रधानाचार्य हैं। जबकि माता रेखा जोशी राइंका योगसेण रामपुर में गणित प्रवक्ता हैं। दिवस ने बताया कि वे विद्यालय के अलावा चार से पॉच घंटा घर पर अध्ययन करते थें। वें भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं।