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Almora: हाल-ए-अस्पताल- जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन बताकर गर्भवती को किया रेफर, सुविधा विहीन पीएचसी में हुई नॉर्मल डिलीवरी

अल्मोड़ा। उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं है। पहाड़ के लोगों का दुर्भाग्य कहे या नीति नियंताओं की उदासीनता, राज्य गठन के दो दशक बाद भी पर्वतीय जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं जस की तस है।

एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला बागेश्वर से आया है। जिस गर्भवती महिला को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन की बात कह कर हायर सेंटर रेफर कर दिया था, उसी महिला ने आधे रास्ते में सुविधा विहीन एक पीएचसी में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इस मामले ने जिला अस्पताल बागेश्वर के डॉक्टरों व स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी।

दरअसल, बागेश्वर के चोनोला गांव की गर्भवती दीपा जसन्याल को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद परिजन दीपा को लेकर बागेश्वर जिला अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया, लेकिन बुधवार सुबह करीब 8 बजे दीपा की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने डिलीवरी कराने से हाथ खड़े कर दिए। ऑपरेशन से डिलीवरी होने की बात कहकर हायर सेंटर अल्मोड़ा रेफर कर दिया।

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परिजन गर्भवती को बागेश्वर से अल्मोड़ा ला रहे थे। अचानक ताकुला के पास महिला की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने असहनीय दर्द को देखते हुए वाहन रोककर महिला को पीएचसी ताकुला में भर्ती किया। जहां कुछ देर बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया।

पीएचसी में तैनात डॉ एनसी जोशी ने जानकारी देते हुए बताया है कि महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी सामान्य डिलीवरी की गई और महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया है तथा जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

दीपा जसन्याल के पिता गोपाल सिंह मेहरा ने जिला अस्पताल बागेश्वर की कार्य प्रणाली तथा डॉक्टरों के रेफर करने के सिस्टम पर हैरानी जताते हुए कहा है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन से बच्चा होने की बात कहकर उन्हें बागेश्वर से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई जबकि आधे रास्ते में हालत बिगड़ने पर सुविधा विहीन पीएचसी के स्टाफ ने सामान्य डिलीवरी कर उनकी बेटी और उनके नाती को बचा लिया है।

उनका यह भी कहना है कि अगर वह पीएचसी ताकुला में नहीं रुकते तो हायर सेंटर में ऑपरेशन के नाम पर उन्हें आर्थिक चपत भी लगती।

इस दौरान डॉ एनसी जोशी, डॉ श्रेया सागर और स्टॉफ नर्स पूनम भाकुनी ने डिलीवरी कराने में सहयोग प्रदान किया। डिलीवरी के बाद महिला को उसके परिजन इन सकुशल घर को वापस ले गए। तथा उन्होंने पीएचसी के स्टाफ का आभार जताया है।

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