नई दिल्ली। केंद्र सरकार में करीब एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते ‘डीए’ एवं महंगाई राहत ‘डीआर’ में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिली है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। पहली जुलाई से देय महंगाई भत्ते की दर अब 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है। इस बढ़ोतरी के बाद, वर्तमान में करीब 18,000 रुपये का मूल मासिक वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारी के वेतन में करीब 540 रुपये की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
महंगाई भत्ता (डीए) कर्मचारियों के मूल वेतन का एक फीसदी है जो उनके जीवन-यापन के खर्चों पर महंगाई के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस भत्ते को आम तौर पर हर छह महीने में संशोधित किया जाता है। डीए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो खुदरा मूल्य में उतार-चढ़ाव की निगरानी करता है। और इसे सालाना दो बार अपडेट किया जाता है। डीए में बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों के लिए हाई टेक-होम वेतन मिलता है, जो कुछ राहत देता है।
केंद्र आमतौर पर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत में साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में बढ़ोतरी करता है। इसकी घोषणा आम तौर पर मार्च और अक्टूबर की शुरुआत में की जाती है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है। इससे पहले कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी।