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प्रतीकात्मक फोटो
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शिक्षा विभाग के गजब कारनामें.. गुरुजी की सुविधा जरूरी, चाहे पढ़ाई न हो पूरी

आरटीआई में हुआ बड़ा खुलासा, शिक्षा विभाग में मानक तार-तार

इंडिया भारत न्यूज डेस्क: पहाड़ और मैदान के जिलों में शिक्षकों की तैनाती में पारदर्शिता के लिए तबादला एक्ट जरूर बनाया गया है। लेकिन शिक्षा विभाग में मानकों की अनदेखी से ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक्ट सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। जहां पहाड़ के स्कूल शिक्षकों की तैनाती के लिए तरस रहे है वही, दूसरी ओर शिक्षा विभाग में मानकों को ताक पर रखकर शिक्षकों की मनमाफिक तैनाती की जा रही हैं।

शिक्षा विभाग में अधिकतर शिक्षक पहाड़ के दूरदराज के क्षेत्र के बजाए मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में तैनाती चाहते हैं। अपनी सुविधा के लिए शिक्षकों द्वारा इन जिलों में तैनाती के लिए विधायकों और मंत्रियों तक की सिफारिश लगाई जाती हैं। जिससे मानक तार-तार नजर आ रहे है।

अपने अजब गजब कारनामों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है। मामला नैनीताल जिले का है। जिले के ओखलकांडा व हल्द्वानी विकास खंड में मानकों को ताक पर रखकर शिक्षकों की मनमाफिक तैनाती की है। कई विद्यालयों में मानक से अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है। जबकि बहुत से ऐसे स्कूल हैं जहां मानक के अनुसार शिक्षक नहीं है।

इसका खुलासा नैनीताल जिले के विकासखंड ओखलकांडा ब्लॉक के भुमका के ग्राम प्रधान मुकेश चंद्र बौद्ध के आरटीआई से हुआ। मुकेश चंद्र ने बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उन्होंने जानकारी मांगी थी कि नैनीताल जनपद के क्षेत्र ओखलकांडा के स्कूलों में शिक्षकों की क्या स्थिति है। आरटीआई के जरिए पता चला कि पहाड़ों के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। हाल में ही 35 शिक्षकों की दुर्गम क्षेत्र से हल्द्वानी ब्लॉक के सुगम में ट्रांसफर कर दिया गया है, इससे बहुत से स्कूलों में शिक्षकों की और कमी हो गई है।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, ओखलकांडा ब्लॉक के 144 स्कूलों में से 63 माध्यमिक विद्यालयों में केवल एक शिक्षक तैनात है जबकि मानक अनुसार इस विद्यालय में 2 शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य है। भुमका राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 40 विद्यार्थियों में 1 शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय टकुरा में 36 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक, जबकि सयली प्राथमिक विद्यालय सहित ऐसे कई विद्यालय हैं जहां मात्र एक शिक्षक से काम काम चलाया जा रहा है।

मुकेश चंद्र बौद्ध, ग्राम प्रधान, भुमका

वहीं, हल्द्वानी ब्लॉक के सुगम क्षेत्र में राजकीय माध्यमिक विद्यालय रैलाखाता में 22 विद्यार्थियों में 3 शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय रैलाखाता 11 विद्यार्थियों पर 3 शिक्षक तैनात हैं. इंदिरा नगर में 23 विद्यार्थियों पर 3 शिक्षक, नयागांव प्राथमिक विद्यालय में 5 विद्यार्थियों पर 2 शिक्षक, कोर्टखर्रा तल्ला में 5 विद्यार्थियों में 2 शिक्षक तैनात हैं। पीपल पड़ाव प्राथमिक विद्यालय में 3 शिक्षकों के पद के सापेक्ष में 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है। प्राथमिक विद्यालय बद्रीपुरा में 3 पदों की स्वीकृति है जहां 4 शिक्षकों की तैनाती की गई है, यहां केवल 55 विद्यार्थी ही पढ़ते हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी हरेंद्र मिश्रा ने बताया कि जिन विद्यालयों में मानक से अधिक शिक्षक तैनात हैं, उनकी जांच की जा रही है। कुछ स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है और शिक्षक अधिक हैं, उन स्कूलों को समायोजन की कार्रवाई चल रही है।

बीईओ मिश्रा के मुताबिक एक विद्यालय में कम से कम 2 शिक्षकों का होना अनिवार्य है। इसके अलावा मानक अनुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक की तैनाती होती है। प्रत्येक विद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाती है।

 

 

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