अल्मोड़ाः उपपा अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने जगदीश चंद्र की हत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। तिवारी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि यह हत्या तब हुई है जब शासन प्रशासन के पास इसकी सूचना थी। बावजूद इसके एक दलित नेता की हत्या हो जाना सरकार पर गंभीर सवाल खड़े करती है। साथ ही सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करती है।
शनिवार को नगर के एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उपपा के केद्रीय अध्यक्ष पी.सी तिवारी ने कहा कि डीआईजी कुमाऊं द्वारा एक समाचार पत्र में बयान दिया गया है कि उनके पास इसकी जानकारी थी। लेकिन इसके बाद भी एक व्यक्ति की नृशंस हत्या होती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार पर आती है।
दंपति द्वारा पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में पुलिस की निष्क्रियता पर तिवारी ने कहा कि, पुलिस द्वारा सफाई दी जा रही है कि पत्र में दिए गए पते पर दंपति नहीं मिले। उन्होंने कहा कि दंपति को दूसरे पक्ष के लोगों से खतरा था, जिस कारण वह छुप कर रह रहे थे और पुलिस को जरूरत थी कि वह उन लोगों पर कार्रवाई करती जिनकेे नाम पत्र में लिखे गए थे और जिनसे दंपति को खतरा था। जो कि अंत में हत्यारे के तौर पर साबित भी हुए।
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तिवारी ने कहा कि अफसोस की बात है कि एक दलित नेता जो 2 बार सल्ट विधानसभा से चुनाव लड़ चुके थे। उनकी नृशंस हत्या के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस के किसी नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई और न ही सीएम का कोई संवेदना संदेश जगदीश के परिजनों को मिला। उन्होंने सवाल उठाया कि जगदीश के हत्यारों को रिमांड में लेकर अन्य दोषियों को खोजा तक नहीं गया। इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि इस जघन्य हत्याकांड में अन्य लोगों का हाथ भी हो सकता है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए तिवारी ने कहा कि जब भू माफियाओं व प्रभावशाली लोगों की बात आती है तो सरकार द्वारा पुलिस की कई प्लाटून व पैरामिलिट्री फोर्स वहां पर लगा दी जाती है लेकिन जब जगदीश जैसे आम लोगों की बात आती है तो यही पुलिस प्रशासन सतर्क नहीं रहता। क्योंकि इस तंत्र की नजरों में आम आदमी की कोई हैसियत नहीं है। सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतना जघन्य हत्याकांड होने व संवेदनशील मामला सामने आने के बाद भी सूबे के सीएम सक्रिय नहीं है तो डीएम व एसएसपी से क्या उम्मीद की जा सकती है। जो कि एक सोचनीय विषय भी है।
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तिवारी ने कहा कि जगदीश को न्याय दिलाने के लिए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी संघर्षरत है। पार्टी इस तरह के मामलों को लेकर सड़कों पर उतरेगी और प्रदेश की जनता तक जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सवाल को जिंदा रखा जाएगा और जब तक न्याय नहीं मिलता तब तक वह चुप नहीं बैठेंगे। साथ ही उपपा ने सरकार से मामले की गंभीरता को देखते हुए जगदीश हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराए जाने व पूरे मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने की मांग की है। उपपा ने जगदीश की पत्नी को रोजगार देने और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी जाने की भी मांग उठाई है।
पत्रकार वार्ता में आनंदी वर्मा, हीरा देवी, दीक्षा सुयाल, भारती पांडे, चंपा सुयाल, गोपाल राम, किरन आर्या, स्निग्धा तिवारी, भावना पांडे, मनोज पंत, नरेश चंद्र नौड़ियाल, वंदना कोहली, दीपांशु पांडे, सरिता मेहरा, पान सिंह, चेतना आंदोलन के विनोद बड़ौनी, शंकर, अतुल सती आदि लोग शामिल रहे।
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