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ओपनियन

पुण्यतिथि पर विशेष.. पहाड़ की संवेदनाओं के कवि थे शेरदा ‘अनपढ़’

मेरी ईजा (मां) बग्वालीपोखर इंटर कालेज के दो मंजिले की बड़ी सी खिड़की में बैठकर रेडियो सुनती हुई हम पर नजर रखती थी। हम अपने स्कूल के बड़े से मैदान और उससे लगे बगीचे में ‘लुक्की’ (छुपम-छुपाई) खेलते थे। जैसे ही ‘उत्तरायण’ कार्यक्रम आता ईजा हमें जोर से ‘धात’ लगाती। …

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यहाँ अब बच्चे नहीं उगते… बंजर खेत, खण्डहर मकान …

कल हमने धूमधाम से प्रवेशोत्सव मनाया था … तीन बच्चों ने प्रवेश लिया.. तो सोचा आज साथियों के साथ पास के गाँवों में घूमघाम लिया जाय. ताकि पता तो चले कि बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं। दस वर्ष पहले यहाँ आया था… तब से, जब भी समय मिलता …

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यूरोप का उग्र राष्ट्रवाद.. नस्ल-भाषा-संस्कृति-धर्म का सतत संघर्ष और विखंडन

european nationalism

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद बहुत संभव है कि नक़्शे पर दो नए देश और दिखाई दें। नस्ल–भाषा–संस्कृति–धर्म के आधार टिके उग्र राष्ट्रवाद के नाम यूरोपीय देशों का विखंडन कोई नयी बात नहीं है (राष्ट्रवाद शब्द ही यूरोपीय राजनैतिक दर्शन की देन है)। विखंडन की यह प्रक्रिया बहुत …

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संयुक्त राष्ट्र संघ… संदिग्ध भूमिका का एक गिरोह

Uno

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद UNO द्वारा उस पर कई प्रतिबन्ध लगाने की चर्चा है। लेकिन यही UNO उस समय खामोश हो जाता है, जब अमेरिका और ब्रिटेन (Anglo- Sexton नस्ल आधारित गठबंधन ) के हित सामने होते हैं। फाकलैंड द्वीप समूह दक्षिण अमेरिका में अर्जेंटीना के समीप …

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काश, सियारों ने कभी कछुओं से पूछा होता…जरूर पढ़ें

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सावन के महीने में सियार पैदा हुआ, भादों के महीने बारिश देख चिल्लाया ….बाप रे बाप ,ऐसी बारिश जिन्दगी में पहली बार देखी पिछले कुछ वर्षों से देश में ऐसी ही कुछ हो रहा है …इधर से भी और उधर से भी। बात हाल की ही घटनाओं के जिक्र से …

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Ukraine Russia Crisis: यूक्रेन शो ऑफ… एडवांटेज चाइना

यूक्रेनी संकट में चीन- जो कि संकट में प्रत्यक्ष पार्टी नहीं हैं , ने इस बात को समझ लिया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश युद्ध सिर्फ उसी देश के खिलाफ करते हैं, जिनके मुकाबले में उनकी तकनीक – अर्थव्यवस्था -सैन्यशक्ति अत्यन्त ही बेहतर होती है l याद करिये …

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प्रखर समाजवादी एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शिल्पी बिपिन त्रिपाठी की जयंती पर विशेष

Bipin tripathi, file photo

असहमति के साथ चलने वाला साथी अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट विकासखंड में एक छोटी सी जगह है बग्वालीपोखर। वहीं इंटर कालेज में हम लोग पढ़ते थे। कक्षा नौ में। यह 1979 की बात है। पिताजी यहीं प्रधानाचार्य थे। उन्होंने बताया कि पोखर में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डाॅ. डीडी पंत आने …

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संत रैदास… जो जाति का चक्रव्यूह न भेद सके

संत रैदास, फ़ोटो साभार- विकिपीडिया

जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात॥ (जिस प्रकार केले के तने को छीला जाए तो पत्ते के नीचे पत्ता फिर पत्ते के नीचे पत्ता और अंत में कुछ नहीं निकलता है। लेकिन पूरा पेड़ खत्म हो जाता है। …

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लोकतंत्र का भेड़-बकरीवादी चिंतन…

शाम को सपत्नीक जंगल की तरफ घूमने गया था। जंगल में भेड़-बकरियों को पालने वाली घुमंतू मित्रों का डेरा लगा था। ये लोग टिहरी जनपद के घुत्तु क्षेत्र के निवासी हैं और हर वर्ष जाड़े के मौसम में अपनी भेड़-बकरियों को लेकर इस क्षेत्र में कुछ दिन रहते हैं। पिछले …

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